भीम प्रज्ञा न्यूज.चूरु। घट स्थापना के साथ गुरुवार को शारदीय नवरात्र शुरू हो जाएगे। पहले दिन हस्त नक्षत्र है, जो समृद्धि कारक संयोग है। इसके अलावा 5 से 8 अक्टूबर तक सर्वार्थसिद्धि व रवि संयोग है, जो खरीदारी के लिए अन्य शुभ कार्यो के लिए श्रेष्ठ है। पंडितों के अनुसार इस बार मां दुर्गा पालकी में सवार होकर आएंगी। जिले में करीब 500 एवं चूरू शहर में 60 स्थानों पर दुर्गा पूजा महोत्सव होंगे। इनमें मोचीवाड़ा में दो जगह, वार्ड 56 में बद्रीनारायण मंदिर व पार्वती भवन, तारानगर रोड पर चमत्कारी बालाजी मंदिर, डाबला रोड पर गोरखनाथ टीला, वार्ड 38 में गोगामेड़ी, जैन मार्केट, जतीजी के उपासरे की गली, संचियामाता मंदिर, रामदेव मंदिर के पास, ओझा वाली गली में 3 जगह सहित शिवकालोनी, अग्रसेन नगर, गायत्री नगर, प्रतिभानगर, सब्जीमंडी सहित कई स्थानों पर आयोजन होंगे। पं. योगेंद्र शर्मा के अनुसार प्रतिपदा को मां शैलपुत्री, 4 अक्टूबर को मां ब्रह्मचारिणी, 5 को मां चंद्रघंटा, 6 को मां कुष्मांडा, 7 को मां स्कंदमाता, 8 को मां कात्यायनी, 9 को मां कालरात्रि, 10 को मां महागौरी एवं 11 अक्टूबर को मां सिद्धिदात्री की पूजा आराधना होगी। नवरात्र स्थापना के साथ दुर्गा पूजा महोत्सव भी शुरू हो रहे हैं। चूरू शहर में पहली बार मां दुर्गा की झूले झूलते की प्रतिमा मोचीवाड़ा के राज राजेश्वरी दुर्गा पूजा महोत्सव समिति ने बनवाई है। आयोजक पं. बाल मुकुंद व्यास ने बताया कि सावन में राधा-कृष्ण की झूला झूलते ही फोटो देखकर उन्हें मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने का विचार किया। आयोजक व्यास ने बताया कि सीकर के मूर्तिकार पं. लोकनाथ दाधीच को 21 दिन पहले मूर्ति बनाने का ऑर्डर दिया। पं. दाधीच ने बताया कि 8 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा को मिट्टी, घास एवं बांस से बनाया गया।
इसमें मां दुर्गा के लिए झूले के लिए दो खंभे एवं चैन एवं नीचे दुर्गा की प्रतिमा के लिए फर्श बनाकर उसे झूले की आकृति दी गई है। मां दुर्गा की झूले वाली मूर्ति उन्होंने पहली बार चूरू के लिए बनाई। आयोजकों के अनुसार इस पर करीब 70 हजार का खर्चा आया। घट स्थापना शुभ मुहूर्त: 3 अक्टूबर ( गुरुवार) सुबह 6.15 से 8.45 बजे तक घट स्थापना की जा सकती है। सुबह 6.15 से सुबह 7.45 तक शुभ का चौघड़िया भी विद्यमान रहेगा। अभिजीत मुहूर्त : 3 अक्टूबर को सुबह 11.55 से 12.36 बजे शुभ अभिजीत मुहूर्त। पं. योगेंद्र शर्मा के अनुसार घट स्थापना के यह दो मुहूर्त हैं। सुविधा के अनुसार किसी मुहूर्त पर घट स्थापना कर सकते हैं।