भीम प्रज्ञा न्यूज़ नई दिल्ली। शिवसेना ;उद्धव गुटद्ध के सांसद संजय राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। राउत ने अपने पत्र में सीधे तौर पर सवाल उठाया है कि आखिर धनखड़ कहां हैंए उनकी सेहत कैसी हैए और क्या वे सुरक्षित हैं। इस घटना ने देश की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और विपक्ष के कई नेता इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। राउत ने पत्र में लिखा कि ष्हमारे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ आखिर हुआ क्या हैघ् वे कहां हैंघ् उनकी तबीयत कैसी हैघ् क्या वे सुरक्षित हैंघ् देश को इन सवालों का सच जानने का अधिकार है।ष् उन्होंने बताया कि दिल्ली में यह अफवाहें फैल रही हैं कि धनखड़ को उनके घर में कैद कर दिया गया है और उनकी सुरक्षा को लेकर आशंका जताई जा रही है। इस मुद्दे पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि यह पहली बार है जब उन्होंने किसी श्लापता उपराष्ट्रपतिश् के बारे में सुना है।
’स्वास्थ्य कारणों पर उठे सवाल’
दरअसलए धनखड़ ने 21 जुलाई को श्स्वास्थ्य कारणोंश् का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन विपक्ष के कई नेताओं ने इस इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं। राउत ने बताया कि 21 जुलाई को जब संसद का सत्र शुरू हुआए तब जगदीप धनखड़ पूरी तरह सामान्य दिख रहे थे और उन्होंने सदन का संचालन भी सामान्य तरीके से किया। सत्र के दौरान उनकी विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से बहस भी हुई थीए जिसके बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। उस समय उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक थी। शाम 6 बजे अचानक खबर आई कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया है। राउत ने इसे चौंकाने वाली खबर बताया है।
’सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी’
संजय राउत ने अपने पत्र में यह भी दावा किया कि राज्यसभा के कुछ सदस्यों ने धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश कीए लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। उनके स्टाफ से भी कोई संवाद नहीं हो पाया। इसे देखते हुए राज्यसभा के कुछ सदस्य सुप्रीम कोर्ट में श्हैबियस कॉर्पसश् याचिका दाखिल करने पर विचार कर रहे हैंए ताकि धनखड़ की मौजूदगी और सुरक्षा की पुष्टि हो सके। राउत ने अमित शाह से अनुरोध किया है कि वे इस मामले पर अपनी भावना को समझें और धनखड़ की मौजूदा स्थितिए सुरक्षा और सेहत को लेकर सही जानकारी दें। उन्होंने लिखा है कि ष्सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले मैंने सोचा कि यह जानकारी आपसे लेना उचित होगा।ष्