मजदूरी और कला से गढ़ा बच्चों का भविष्य: साधारण परिवार का बेटा सिद्धार्थ बनेगा इंजीनियर

मजदूरी और कला से गढ़ा बच्चों का भविष्य: साधारण परिवार का बेटा सिद्धार्थ बनेगा इंजीनियर

पढ़ाई के जुनून ने बदली जिंदगी, साधारण परिवार का बेटा सिद्धार्थ बनेगा इंजीनियर

जेईई मेंस क्वालिफाई कर मिला डॉ. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जालंधर में प्रवेश

भीम प्रज्ञा न्यूज़ पचेरी।

बुहाना उपखंड के रायपुर अहिरण गांव निवासी राधेश्याम पेंटर का बेटा सिद्धार्थ अब इंजीनियर बनने जा रहा है। जेईई (मेंस) परीक्षा क्वालिफाई कर उसे डॉ. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर पंजाब में केमिकल इंजीनियरिंग में दाखिला मिला है।

मजदूरी और कला से गढ़ा बच्चों का भविष्य

साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सिद्धार्थ के पिता राधेश्याम पेंटर आर्ट और राइटिंग कला से जीविका चलाते हैं, जबकि माता रेखा देवी गृहिणी हैं। परिवार की छोटी बेटी प्रतिज्ञा भी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही है।
राधेश्याम ने बताया कि उन्होंने मेहनत-मजदूरी और लेखन-कला के जरिए बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। उन्होंने बच्चों को नोबल एजुकेशन ग्रुप, देवलावास में पढ़ाया।

प्रेरणा से मिली नई उड़ान

राधेश्याम ने कहा कि उन्हें बड़े भाई सीताराम पेंटर की प्रेरणा और नोबल एजुकेशन ग्रुप के निदेशक इंजीनियर संदीप नेहरा के मार्गदर्शन से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिली। इसी का परिणाम है कि आज सिद्धार्थ ने प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान में जगह बनाई है। सिद्धार्थ का कजिन भाई आदित्य भी वर्तमान में इसी संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।

गांव और परिवार में खुशी का माहौल

सिद्धार्थ की इस सफलता से परिवारजनों, रिश्तेदारों और गांववासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सभी ने उसे शुभकामनाएं दीं और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
राधेश्याम वर्तमान में पचेरीकलां बस स्टैंड पर अपना “राइटिंग आर्ट प्रतिष्ठान” संचालित करते हैं और मानते हैं कि शिक्षा ही जीवन बदलने का सबसे सशक्त माध्यम है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *