हंसते-मुस्कराते चेहरे का आकर्षण और समाज में उसका महत्व

हंसते-मुस्कराते चेहरे का आकर्षण और समाज में उसका महत्व

संपादकीय

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जब हर कोई तनाव, चिंता और चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे समय में एक हंसता-मुस्कराता चेहरा सबसे बड़ी राहत देता है। सच कहा जाए तो प्रसन्नचित व्यक्ति अपने आसपास सकारात्मकता का वातावरण रच देता है। उसकी उपस्थिति में लोग सहज अनुभव करते हैं, मन प्रसन्न होता है और बातचीत करने का मन बार-बार करता है। यहां मैं बोलूंगा तो फिर कहोगे कि बोलता है।

हंसते हुए व्यक्ति की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह दूसरों को भी मुस्कुराना सिखा देता है। जब कोई इंसान संतुष्ट और आत्मविश्वासी दिखाई देता है, तो लोग मान लेते हैं कि उसने जीवन की कठिनाइयों पर विजय पा ली है। इसी कारण उससे जुड़ने और मित्रता करने की स्वाभाविक चाह हर किसी के मन में जन्म लेती है।

हालांकि, यह भी सच है कि हर मुस्कुराता चेहरा भीतर से प्रसन्न हो, यह ज़रूरी नहीं। कई बार हंसी बाहरी आवरण भी हो सकती है। लेकिन समाज की दृष्टि से देखा जाए तो जो व्यक्ति प्रसन्नचित रहता है, वह न केवल अपने लिए सुखद वातावरण बनाता है, बल्कि दूसरों के जीवन में भी रोशनी फैलाता है। यही कारण है कि ऐसे व्यक्ति के पास बैठना, उससे विचार साझा करना और उसका सान्निध्य पाना हर कोई चाहता है।

संतुष्ट और प्रसन्न व्यक्ति की मित्रता केवल व्यक्तिगत आनंद तक सीमित नहीं रहती, बल्कि सामाजिक सहयोग और सामूहिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है। वह अपने अनुभवों से दूसरों की समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करता है और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बनता है। यही वजह है कि जिसके मित्र और सहयोगी अधिक होते हैं, वह स्वयं भी प्रगति करता है और दूसरों को आगे बढ़ने की राह दिखाता है।

आज के समय में समाज को ऐसे ही लोगों की आवश्यकता है, जो अपनी मुस्कान से निराशा को आशा में बदल सकें, अपने आत्मबल से दूसरों में ऊर्जा जगा सकें और अपने संतोष से समाज को सिखा सकें कि जीवन की वास्तविक उपलब्धि बाहरी वैभव में नहीं, बल्कि अंतर्मन की शांति और प्रसन्नता में है।

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