Editor Haresh Panwar
शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह न केवल हमें ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि हमें सामाजिक और आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाती है। लेकिन, क्या हमने कभी सोचा है कि शिक्षा के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं – सामाजिक/ऐतिहासिक शिक्षा और रोजगार सम्बन्धी शिक्षा?]
सामाजिक/ऐतिहासिक शिक्षा हमें हमारे समाज, इतिहास, संस्कृति और मूल्यों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यह हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करती है और हमें समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करती है। लेकिन, यदि यह शिक्षा अपूर्ण है, तो हम पाखंडियों के द्वारा शोषण के शिकार हो सकते हैं।
दूसरी ओर, रोजगार सम्बन्धी शिक्षा हमें आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है। यह हमें अपने कौशल और ज्ञान के आधार पर रोजगार प्राप्त करने में मदद करती है और हमें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करती है। लेकिन, यदि यह शिक्षा अधूरी है, तो हम आर्थिक असमानता के शिकार हो सकते हैं। शिक्षा के महत्व के संबंध में मैं बोलूंगा तो फिर कहोगे कि बोलता है।
शिक्षा दो तरह की होती है –
1. सामाजिक/ऐतिहासिक शिक्षा
2. रोजगार सम्बन्धी शिक्षा
दोनों शिक्षाएं महत्वपूर्ण हैं।यदि सामाजिक शिक्षा अपूर्ण है तो आप पाखंडियो के द्वारा शोषण के शिकार होते हैं।यदि रोजगार सम्बन्धी शिक्षा अधूरी है तो आप आर्थिक असमानता के शिकार होते है।इसलिए मेरा मानना है समाज में दोनों तरह की शिक्षा का ज्ञान होना चाहिए।हम कोई भी क्रिया या कर्म करते हैं तो क्यों करते है? नहीं करेंगे तो क्या होगा? यदि यह हम बिना सोचे समझे कर रहे तो यही अज्ञानता है और यहीं से अंधविश्वास और पाखंड कि शुरुआत होती है।
जबकि शिक्षा का मतलब ही है सही गलत का ज्ञान है।यदि शिक्षित होकर भी शोषण के शिकार हो रहे हैं तो निश्चित हमारी सामाजिक-आर्थिक शिक्षा में कमी है।आइए थोड़ा थोड़ा सब समझें और उत्तम जीवन पथ का अनुसरण करें।शिक्षित बनें एवम शिक्षित करें !!
हमें दोनों तरह की शिक्षा का ज्ञान होना चाहिए। हमें अपने समाज, इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, साथ ही साथ हमें अपने कौशल और ज्ञान को विकसित करना चाहिए ताकि हम आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
लेकिन, यह सवाल उठता है कि हम कोई भी क्रिया या कर्म क्यों करते हैं? नहीं करेंगे तो क्या होगा? यदि हम बिना सोचे समझे कर रहे हैं, तो यही अज्ञानता है और यहीं से अंधविश्वास और पाखंड की शुरुआत होती है। जबकि शिक्षा का मतलब ही है सही गलत का ज्ञान है।
इसलिए, हमें शिक्षित बनना चाहिए और दूसरों को भी शिक्षित करना चाहिए। हमें अपने समाज में शिक्षा के महत्व को समझाना चाहिए और लोगों को शिक्षा के दोनों पहलुओं के बारे में जागरूक करना चाहिए।
शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सामाजिक/ऐतिहासिक शिक्षा और रोजगार सम्बन्धी शिक्षा दोनों हमें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाती हैं। हमें दोनों तरह की शिक्षा का ज्ञान होना चाहिए और हमें अपने समाज में शिक्षा के महत्व को समझाना चाहिए। आइए थोड़ा थोड़ा सब समझें और उत्तम जीवन पथ का अनुसरण करें। शिक्षित बनें एवम शिक्षित करें!