प्रयागराज एक्सप्रेस में एसी कोच में फर्जी अधिकारी का पर्दाफाश: टिकट चेकिंग टीम की सतर्कता से दबोचा गया
मुफ्त सफर का मजा लेने की कोशिश फेल, रेलवे सुरक्षा बल ने आरोपी को किया गिरफ्तार
मनोज खंडेलवाल
भीम प्रज्ञा न्यूज.दौसा। प्रयागराज एक्सप्रेस में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया, जब टिकट चेकिंग टीम की सतर्कता और सजगता से एक व्यक्ति को फर्जी रेलवे अधिकारी बनकर मुफ्त यात्रा करते पकड़ा गया। यह घटना दिनांक 23 नवंबर 2024 को गाड़ी संख्या 20403 में घटी। आरोपी व्यक्ति कानपुर से मथुरा के बीच एग्जीक्यूटिव क्लास में बिना टिकट यात्रा कर रहा था और खुद को रेलवे बोर्ड का अधिकारी बताकर रौब झाड़ रहा था।
कैसे हुआ फर्जी अधिकारी का भंडाफोड़?
मथुरा जंक्शन मुख्यालय के ट्रेन टिकट निरीक्षक मुकेश मीना और राजेश मीना, जो प्रयागराज एक्सप्रेस में ड्यूटी पर तैनात थे, ने चेकिंग के दौरान इस संदिग्ध यात्री पर ध्यान दिया। युवक ने खुद को रेलवे बोर्ड का अधिकारी बताया और टीम पर धौंस जमाने की कोशिश की। जब उससे आईडी कार्ड मांगा गया, तो उसने देने से इनकार कर दिया, जिससे उसकी सच्चाई सामने आ गई।
रेल्वेजीआरपी को सौंपा गया आरोपी
टिकट चेकिंग टीम ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी और आरोपी को इटावा स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (जीआरपी) को सौंप दिया। जीआरपी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी से पूछताछ की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि वह कितने समय से इस प्रकार का फर्जीवाड़ा कर रहा था और इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह तो नहीं है।
आगरा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक तेजप्रकाश अग्रवाल और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री अमित आनंद के निर्देशन में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अधिकारियों ने टिकट चेकिंग टीम की तत्परता और सजगता की सराहना की और यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए संदेश दिया कि रेलवे में ऐसे किसी भी फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोपी के खिलाफ जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर लिया है, और नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह घटना अन्य फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश है। फर्जी अधिकारी का पर्दाफाश रेलवे की सतर्कता और ईमानदार कार्यशैली का प्रमाण है, जो यात्रियों के भरोसे को और मजबूत बनाता है।