तारीफ और आलोचना से सीखें

तारीफ और आलोचना से सीखें
संपादकीय@Advocate Haresh Panwar

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें कई गुणों का पालन करना होता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण गुण है स्वयं की तारीफ और आलोचना दोनों सुनने व स्वीकार करने की हिम्मत रखना। यह गुण हमें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है और हमें एक बेहतर इंसान बनाता है। यहां मैं बोलूंगा तो फिर कहोगे कि बोलता है।
जीवन में वही इंसान आगे बढ़ते हैं, जो स्वयं की तारीफ और आलोचना दोनों सुनने व स्वीकार करने की हिम्मत रखते हैं । जो बात आपके बस में नहीं है, उसके बारे में सोचना केवल और केवल समय की बर्बादी ही है। बड़े बुजुर्गो का कहना है कि संभाल कर रखी हुई चीज और ध्यान से सुनी हुई बात कभी ना कभी काम आ ही जाती है और वही इंसान जीवन में आगे बढ़ते हैं, जो स्वयं की तारीफ और आलोचना दोनों सुनने व स्वीकार करने की हिम्मत रखते हैं।
इसलिए हमेशा अच्छा सोचिए, अच्छा बोलिए, अच्छे कर्म कीजिए, परोपकारी बनिए और खुशियां बांटिए क्योंकि इस ब्रह्मांड में प्रकृति के अनुसार सब आपके पास वापस लौटकर आना है। बाकी:- संबंधों को बनाना ऋण लेने के समान आसान अवश्य है, किन्तु उन संबंधों को निभाना किश्तें भरने के समान बड़ा कठिन है ।

आलोचना से सीखना
जो बात आपके बस में नहीं है, उसके बारे में सोचना केवल और केवल समय की बर्बादी है। इसलिए, हमें अपनी सीमाओं को समझना चाहिए और उन पर ध्यान देना चाहिए। बड़े बुजुर्गो का कहना है कि संभाल कर रखी हुई चीज और ध्यान से सुनी हुई बात कभी ना कभी काम आ ही जाती है।

तारीफ और आलोचना का महत्व
उदाहरण के लिए, एक छात्र जो अपने शिक्षक की आलोचना सुनने के लिए तैयार है, वह अपने कमजोर क्षेत्रों पर काम कर सकता है और अपने शिक्षक की सलाह का पालन करके अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। इसी तरह, एक व्यवसायी जो अपने ग्राहकों की आलोचना सुनने के लिए तैयार है, वह अपने उत्पादों या सेवाओं में सुधार कर सकता है और अपने ग्राहकों को संतुष्ट कर सकता है।

संबंधों का महत्व
संबंधों को बनाना ऋण लेने के समान आसान अवश्य है, किन्तु उन संबंधों को निभाना किश्तें भरने के समान बड़ा कठिन है। इसलिए, हमें अपने संबंधों को निभाने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए और उन्हें मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
इसलिए, हमेशा अच्छा सोचिए, अच्छा बोलिए, अच्छे कर्म कीजिए, परोपकारी बनिए और खुशियां बांटिए। जीवन में आगे बढ़ने के लिए स्वीकार करें तारीफ और आलोचना, और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करें।

1 Comment

  1. anish singhaniya

    very god mind presence god gifted .has a diverse mindset for leadind the society

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